शनिवार, जुलाई 30, 2005

माइक और रिचर्ड के लिए--मेरी स्किट

शार्लीन मंडल
मौखिक परीक्षा की स्किट

माइक played by माइक
राम played by रिचर्ड
आशा played by शार्लीन

सीन नंबर एक

स्कूल यार्ड में

आशा: हे, माइक!

माइक: आशा! मैं सोच रहा था कि तुम आज स्कूल नहीं आओगी। पर तुम्हारा भाई कहाँ है?

आशा: राम अभी आया। हम आजकल कैरम के साथ बहुत व्यस्त होते हैं। इस वजह से हम देर से आये। भारत से आने के बाद हमें थोड़ा सा बुरा लग रहा है क्योंकि इस देश में हमारे ख़स दास्त नहीं हैं जैसे भारत में थे। लेकिन कैरम से हमारी जान बच गई। उससे बहुत समय मज़े में बिता सकी।

माइक: कैरन? हमारे स्कूल की कैरन?

आशा: नहीं, नहीं। हमारे स्कूल में तुम कैरम नहीं मिल सकते हो। वह हमारे घर में है।

माइक: क्या बात है! सिर्फ़ तुम्हारे घर में?

आशा: हाँ! ओ, उधर देखो, मेरा भाई आ रहा है। लेकिन वह हाथ ऐसा करते हुए क्यों चलता है?

राम: नमस्ते, माइक। नमस्ते आशा।

माइक: नमस्ते राम। तुमहारे हाथ में कोई दर्द है क्या?

राम: हाँ, बहुत आफ़सोस की बात है। कैरम के टुकड़े मारते मारते ऐसा हो गया। मेरी उँगलियों में बहुत दर्द है।

माइक: क्या?! तुमने कैरन के टुकड़े मारे?

राम: हाँ, बेशक। (घंटी बजती है) ओ, घंटी बजती है। मुझे जल्दी से क्लास जाना है। फिर मिलेंगे!

माइक: (सोचने लगता है, और भोड़ी देर बाद) आशा, क्या मैं कैरन को देख सकता हूँ?

आशा: हाँ, बेशक। क्या तुम डिनर के लिए मेरे घर आ सकते हो, आज रात को?

माइक: हाँ, मैं ज़रुर आऊँगा।

आशा: हाँ, ठीक छह बजे आओ। हमें कैरम मारने से बहुत मज़ा आएगा! अभी मुझे क्लास जाना पड़ेगा—शाम को मिलेंगे। (हाथ उठाकर, उँगलियाँ दिखाकर) और कैरम खेलने के लिए तैयार हो! (आशा चला जाती है)

माइक: (सोच रहा है, और खुद से कहने लगता है) अरे! आशा एक बहुत अच्छी लड़की है, और उसके परिवार वाले भी बहुत अच्छे हैं। लेकिन उसके घर में एक लड़की है, कैरन, और इस लड़की को आशा और राम दोनों मारते हैं। क्या उनकी माँ कुछ नहीं कहती है? क्या भारत में ऐसा होता है? उनको लज्जा नहीं आती, कि उन्होंने मुझे ऐमा चीज़ बतायी? मैं ज़रूर शाम को देखूँगा, बेचारी कैरन को मैं किस तरह से बचा सकता हूँ।


सीन नंबर दो

आशा और राम के घर में

राम: मेरे खयाल में शायद माइक को हमारा भारतीय खाना अच्छा नहीं लगेगा।

आशा: हाँ, मैं भी यही बात सोच रही थी। लेकिन हमारी माँ कमाल का खाना बनाती है, और असल में माइक कैरम खेलने आएगा।

राम: सच? क्या वह कैरम जानता है? यह तो अमेरिकन खेल नहीं है।

आशा: ज़रूर जानता है। लेकिन मुझे लगता है कि शायद उस ने कैरम कभी नहीं खेला।

राम: ओ, तो हमें बहुत मज़ा आएगा!

(डोरबेल की आवाज़ सुनी जाती है। राम दरवाज़ा खोलकर माइक को अंदर लाता है।)

आशा: नमस्ते, माइक। क्या हालचाल है?

माइक: सब ठीक है। पर कैरन यहाँ है?

आशा: हाँ, बेशक। और नहीं तो क्या? कैरम बाद में आएगी—वह हमारे घर में है, लेकिन पहले हमें कुछ खाना चाहिए।

माइक: क्या? आप लोग कैरन के बिना खाते हैं?

आशा: ऊफ़, कैरम के बारे में तुम इतनी चिंता क्यों कर रहे हो? आओ, हम खाना खाएँ।

(आशा, माइक, और राम मेज़ पर बैठते हैं। आशा एक प्याला उटाकर माइक से पूछती है)

आशा: माइक, यह हमारा मनपसंद व्यंजन है—लेडीज़ फ़िंगर। आपको कुछ लेडीज़ फ़िंगर खाना चाहिए। बहुत स्वादिष्ट होता है।

माइक: क्या? तुम लोग सिर्फ़ कैरन को मारने से खुश नहीं हो—तुम औरत की उँगलियाँ भी खाते हो! तुम लोग कितने बुरे हो! सिर्फ़....(प्याले में देखकर)...ओ। (थोड़ी सी हँसने लगता है) मैं मज़ाक कर रहा हूँ। मैं देख सकता हूँ कि तुम्हें ओक्रा पसंद है।

आशा: (राम के कान में फुसफुसाकर कहती है) अरे भाई, माइक का मज़ाक करने का ढंग बहुत अजीब है।

राम: हाँ, क्या बात है—अक्सर वह ऐसा नहीं होता है।

(खाना खत्म करते हैं)

आशा: ठीक है, अभी हम खेल शुरू करेंगे! माइक, क्या तुम कैरम के लिए तैयार हो?

राम: हाँ, हम बहुत ज़ोर से कैरम के टुकड़े मारेंगे। आओ, माइक। कैरम इस कमरे में है।

माइक: Oh God, oh God…

आशा: तुम क्या कह रहे हो?

माइक: कुछ नहीं। सिर्फ़ मुझे कैरन की तरह मत मरो। मैं जान बूझकर आया, कि तुम लोगों के साथ एक लड़की कैरन है, जिसको तुम बहुत ज़ोर से मारते रहते हैं। मैं ने सोचा कि मैं उसको बचाने कि कोशिश करूँगा, लेकिन तुम दो हैं, और मैं सिर्फ़ एक।

आशा: (हँसते हँसते) अरे यार, तुम हमें किस तरह का इंसान समझ रहे हो? कैरन नहीं, कै...रा...म। यह एक खेल है, और भारत में यह एक बहुत ही लोकप्रिय खेल है।

माइक: ओ....ओ! मैं क्या कह रहा था? माफ़ करो। एक बहुत बड़ी ग़लतफहमी हो गयी।

आशा: (हँसते हँसते) कोई बात नहीं। यह तो बहुत मज़ेदार बात है। हम तो इस तरह की चीज़ कभी नहीं कर सकते हैं कि हम एक लड़की को ज़ोर से मारें। लेकिन यह बहुत अच्छी horror story हो सकती है। बुक डील के समय मैं तुम्हें बताऊगी।

(सब हँसते)

माइक: कोई बात नहीं। हम कैरम खेलेंगे! और अगले हफ़्ते तुम लोग मेरे घर आओ, और फिर हम लै़डीज़ फ़िंगर नहीं खाएँगे—हम chicken finger खाएँगे!

आशा और राम: Chicken finger?!

माइक: चिंता मत करो। हम हमेशा एक दूसरे से सीखेंगे, और ज़्यादा अच्छे दोस्त होंगे!

गुरुवार, जुलाई 21, 2005

Scripts--Hindi with English Translation

Scene # 1
रबर
‘Rubber’


रीसः माफ करना, तुम्हारे पास रबर है क्या?
Reece: Sorry, do you have a rubber?

रेबेकाः क्या, यह क्या बदतमीज़ी है । तुम्हारे घर में मां-बहन नहीं है क्या।
सर, देखिये, यह लड़का मेरे साथ छेड़खानी कर रहा है ।
Rebecca: What kind of bad behavior is this? Do you not have a sister and mother at home?
Sir, look, this boy is eve-teasing me!

रिचर्डः यह क्या कर रहा था?
Richard: What was he doing?

रेबेकाः यह मुझसे रबर के लिए पूछ रहा था ।
Rebecca: He was asking me for a rubber!

रीसः सर, यह लड़की तो पागल लगती है । मैं तो इससे सिर्फ eraser मांग रहा था, बस ।
Reece: Sir, this girl seems to be crazy. I was just asking for an eraser from her, that’s all.

रिचर्डः अच्छा, अच्छा, अब समझा । बेटी, तुम्हें थोड़ी सी गलतफहमी हो गई थी ।
Richard: Okay, okay, now I understand. Daughter, you have made a small mistake.

रेबेका: यह रबर ले लो।
Rebecca: Take the rubber.

रीस: ???!!!??? (Hint: निरोध=condom)
Reece: ??!!??

रेबेका: सर, सर.....!
Rebecca: Sir, sir….!
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Scene # 2
‘A homely girl’
रेस्ट्रां में-In a restaurant

ग्वेनः आओ अशोक, आओ । बैठो ।
Gwen: Come here Ashok, come here! Sit down.

जेरेमीः कल तुम कहां थी, कहीं दिखी नहीं ।
Jeremy: Yesterday where were you? You didn’t show up anywhere.

गः कल मैंने अपना अपार्टमेंट साफ किया, फिर हफ्ते भर का खाना-वाना बना लिया और सारे कपड़े-वपड़े भी धो लिए ।
Gwen: Yesterday I cleaned my apartment, cooked food for next week, and also washed all my clothes.

जेः वाह, क्या बात है । तुम कितनी homely लड़की हो । तुम्हारा होनेवाला पति कितना
भाग्यवान होगा । मुझे तो उससे ईर्ष्या हो रही है भई ।
Jeremy: Wow, that’s great! What a homely girl you are! How lucky your future husband will be. I’m
already getting jealous of him.

गः क्या कहा तुमने । तुमने मुझे homely कहा । मैं नहीं जानती थी कि तुम दिल के इतने बुरे हो।
Gwen: You said what? You called me homely! I didn’t know that such bad thoughts were in your heart!

जेः तुम नाराज़ क्यों हो रही हो । तुम तो सचमुच बहुत homely हो, बिल्कुल मेरी भाभी की तरह ।
Jeremy: Why are you getting angry? You really are very homely, just like my sister-in-law.

गः तो तुम्हारी भाभी भी homely हैं!
Gwen: So your sister-in-law is homely now too!

जेः हां, बिल्कुल तुम्हारी तरह । वे घर के सारे काम बहुत अच्छी तरह से करती हैं ।
Jeremy: Yes, she’s just like you. She does all the housework so well.

गः अच्छा, तो अब मैं समझी तुम्हारे homely का असली मतलब । देखो, अमेरिका में आइंदा किसी लड़की को homely मत कहना, नहीं तो मारे जाओगे। हां, सच्ची ।
Gwen: Okay, now I understand your homely’s real meaning. Look, in the future, don’t ever call a girl in America homely if you don’t want to be killed. Yes, really.
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Scene # 3
‘What’s up Dog?’

माइकः क्या हालचाल है, Dog ?
Mike: How’s it going, dog?

पीटरः क्या, साले तूने मुझे कुत्ता कहा। मैं तुझे आज जिन्दा नहीं छोड़ूंगा।
Peter: What, you jerk, you called me a dog! I’m going to end your life today.

शारलीनः तुम लोग आपस में लड़ो मत । पीटर, हर बात का किताबी मतलब मत लिया करो न । कैम्पस की भाषा में यार-दोस्त को भी प्यार से Dog कहा जाता है ।
Sharleen: Stop arguing between yourselves, you two. Peter, stop taking every word’s meaning so literally. In campus slang, friends call each other dog out of love.

पीः फिर तो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । माइक, मुझे माफ कर दो । मुझे मालूम नहीं था ।
Peter: I made another very big mistake. Mike, please give me your forgiveness. I didn’t know.

माः कोई बात नहीं मेरे Dog! मैं तो तुझसे खफ़ा कभी हो ही नहीं सकता । यह बात हमेशा याद रखना। रखोगे न याद, Dog!
Mike: No big deal, dog! I could never get angry with you. But remember this thing forever. Don’t ever forget, dog!


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Scene 4
नाम???
NAME??

रेबेका: अम्मी, यह मेरा दोस्त पीटर है। मेरे साथ पढ़ता है।
Rebecca: Mom, this is my friend Peter. He goes to school with me.

पीटर: नमस्ते माता जी!
Namaste, mata-ji!

रिचर्ड: नमस्ते माताजी?!? सुना तमने? यह विदेशी लड़का तुम्हे “नमस्ते” और “माताजी” कह रहा है!
Namaste mata-ji?!? Did you hear? This foreign boy is saying namaste and mata-ji to you!

रेबेका: अरे बेवकूफ, मैंने तुम्हें कितनी दफे समझाया था, अस्सलामवालेकुम या आदाब कहने के लिए! और क्या मेरी अम्मी को अम्मी कहने में तुम्हारी जीभ को तकलीफ होती है? मेरी ‘अम्मी’ तुम्हें ‘माताजी’ दिखती है?
Hey, stupid, how many times have I told you already to say Assalaamu alaikum or adab! And doesn’t saying “mataji” to my mother give your tongue trouble? Does my ‘ammi’ look like a ‘mataji’ to you?

शारलीन: अरे बेटी, क्यों तुम अपने दोस्त पर इतना बिगड़ रही हो? कितना मासूम(??? Hard to read) है पीटर!
Now daughter, why are you hurting your friend so much? How innocent Peter is!

पीटर: माफ कीजिए अम्मी और अब्बा जान। मेरे कई हिन्दू दोस्त हैं और इसलिए मुझे ‘नमस्ते’ और ‘माताजी’ को आदत सी हो गई है।
Sorry mother and father. I have several Hindu friends and therefore I got in the habit of saying namaste and mataji.

शारतीन: पर पीटर वेटे क्या तुम अपने हिन्दू दोस्तों को माँओं को माताजी कहते हो?
But Peter, son, do you say ‘mata-ji’ to your Hindu friend’s mothers?

रिचर्ड: तुमने हिनदी कहाँ सीखी, पीटर?
Where did you study Hindi, Peter?

पीटर: जी पिताजी, मेरा मतलब, अब्बा जान, मैंने UW-Madison में हिन्दी सीखी। मेरे हिन्दी के शिक्षक मिथिलेश जी ने मुझे बताया तो था, पर क्या करू, याद नहीं रहा।
Yes Pita-ji, I mean Abba-jan, I student Hindi at UW-Madison. My teacher, Mithilesh-ji, told me all this, but what happened, it didn’t stick.

शारलीन: अराम से बेटा। कुछ चाई पियो।
Relax son. Drink some tea.

पीटर: उम, चाई बहुत गलीज़ है।
Yum, this tea is really dirty.

रेबेका: मेरी माँ के हाथ के चाई गलीज़ नहीं है, वह लज़ीज़ है। याद करो!My mother’s special tea is not dirty, its delicious. Remember!

रिचर्ड: पीटर, तुमहारा मनपसंद विषय क्या है?
What is your favorite subject?

पीटर: मेरी मनपसंद वेश्या हिन्दू है।
My favorite prostitute is Hindu.

रिचर्ड: कैसे-कैसे दोस्त है तुमहारा, बेटी?!?
What kind of friend is this, daughter?!?

शारलीन: काई बात नहीँ बेटा। हमेशा कोशिश करते रहो।
Don’t worry about it son. Keep on trying always.

पीटर: धन्यवाद माताजी।
Thanks, ‘mata-ji.’

रिचर्ड और रेबेका: हाय अल्लाह!
Dear God!

बुधवार, जुलाई 20, 2005

3 scripts

SCRIPT # 1

‘Rubber’

SIGN: QUIET PLEASE ! TOEFL TEST IN PROGRESS

रीसः माफ करना, तुम्हारे पास रबर है क्या
[Poster: ERASER !]

रेबेकाः क्या, यह क्या बदतमीज़ी है । तुम्हारे घर में मां-बहन नहीं है क्या।

सर, देखिये, यह लड़का मेरे साथ छेड़खानी कर रहा है ।

रिचर्डः यह क्या कर रहा था

रेबेकाः यह मुझसे रबर के लिए पूछ रहा था ।

रीसः सर, यह लड़की तो पागल लगती है । मैं तो इससे सिर्फ eraser मांग रहा था, बस ।

रिचर्डः अच्छा, अच्छा, अब समझा । बेटी, तुम्हें थोड़ी सी गलतफहमी हो गई थी ।


SCRIPT # 2

‘A homely girl’

रेस्ट्रां में



ग्वेनः आओ अशोक, आओ । बैठो ।

जेरेमीः कल तुम कहां थी, कहीं दिखी नहीं ।

गः कल मैंने अपना अपार्टमेंट साफ किया, फिर हफ्ते भर का खाना-वाना बना लिया और सारे कपड़े-वपड़े भी धो लिए ।

जेः वाह, क्या बात है । तुम कितनी homely लड़की हो । तुम्हारा होनेवाला पति कितना
भाग्यवान होगा । मुझे तो उससे ईर्ष्या हो रही है भई ।

गः क्या कहा तुमने । तुमने मुझे homely कहा । मैं नहीं जानती थी कि तुम दिल के इतने बुरे हो ।

जेः तुम नाराज़ क्यों हो रही हो । तुम तो सचमुच बहुत homely हो, बिल्कुल मेरी भाभी की तरह ।

गः तो तुम्हारी भाभी भी homely हैं

जेः हां, बिल्कुल तुम्हारी तरह । वे घर के सारे काम बहुत अच्छी तरह से करती हैं ।

गः अच्छा, तो अब मैं समझी तुम्हारे homely का असली मतलब । देखो, अमेरिका में आइंदा किसी लड़की को homely मत कहना, नहीं तो मारे जाओगे। हां, सच्ची ।

SCRIPT # 3

‘What’s up Dog?’

माइकः क्या हालचाल है, Dog ?

पीटरः क्या, साले तूने मुझे कुत्ता कहा। मैं तुझे आज जिन्दा नहीं छोड़ूंगा।

शारलीनः तुम लोग आपस में लड़ो मत । पीटर, हर बात का किताबी मतलब मत लिया करो न । कैम्पस की भाषा में यार-दोस्त को भी प्यार से Dog कहा जाता है ।

पीः फिर तो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । माइक, मुझे माफ कर दो । मुझे मालूम नहीं था ।

माः कोई बात नहीं मेरे Dog! मैं तो तुझसे खफ़ा कभी हो ही नहीं सकता । यह बात हमेशा याद रखना। रखोगे न याद, Dog!

बुधवार, जुलाई 13, 2005

बाग़वान फ़िल्म के बारे में

बाग़वान एक बहुत अच्छी फ़िल्म है रिश्तेदार के बारे में। इस फ़ल्म में एक बड़ा परिवार है, और इस परिवार का नाम मलहोत्रा है। मलहोत्रा परिवार में माता-पिता, चार बेटे, और एक दत्तक हैं। तीन बेटे शादी-शुदा हैं, और दत्तक की शादी होनेवाली है। माता का नाम पूजा है, और पिताजी का नाम है रा़ज। पूजा और राज के एक पोता राहुल है और एक पोती पायल हैं। पूजा और राज चालीस साल तक शादी-शुदा हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने एक दूसरे को बहुत चाहते हैं। उनका प्यार उतने साल के बाद कितना मज़बूत होता है। फ़िल्म के पहले घंटे में इस बात बहुत पारदर्शक से दिखाई देती है।

हालाँकि पहले पूजा और राज के परिवार में सब ठीक चल रहा है, फिर भी पहले घंटे के बाद चार बेटे पूजा और राज के विरूद्ध हो जाते हैं। राज बैंक के काम से रिटायर होते है, और चार बेटे और अपके परिवार सिर्फ़ राज के पैसे के बारे में सोच रहे हैं। असल बात है कि राज और पूजा अपके बच्चों से रहने चाहते हैं। बच्चे आधोनिक जीवन से बिगाड़ जाते हैं। उनके माता-पिता का देख-भाल करने नहीं चाहते हैं। होली के समय राज और पूजा तय करते हैं कि दोनों बच्चे के साथ रहनेवाले हैं, और किस के साथ रहें अपके बच्चों के मरज़ी होगी। बच्चों ने सोचे कि अगर माता-पिता को अलग रहना पड़ेगा, तो उनहोंने बच्चों के साथ रहने नहीं चाहते हैं। तो बच्चों का फैसला है कि माँ एक बेटे के साथ रहेंगी, और पिताजी दूसरे बेटे के साथ रहेंगे। पूजा और राज को इस भाव अच्चा नहीं लगता है, लेकिन फिर भी उनहोंने अपने बच्चों की बात मानते हैं।

अलग रहने हुए माता-पिता को कितना दु:ख लगा! चालिस साल के बाद इस तरह से विभाजन बहुत मुश्किल है। वच्चे पूजा और राज से बहुत खराब तरह की बात करते हैं, लेकिल आंत में पूजा और राज के पोती और पोते के साथ अच्छा रिश्त बन जाता है। जब माँ-बाप दूसरे बच्चों के साथ रहने का समय आता है, तब पूजा और राज फिर मिलते हैं। उन्हें दत्तक (आलोक) मिलता है, और आलोक उन्हें बहुत ध्यान से देख-भाल करता है। राज परिवार के अनुभव के बारे में एक उपन्यास लिखता है, और यह उपन्यास बैस्ट सैलर हो जाता है। इसलिए एक बैंक्वेट है, और इस बैंक्वेट में राज अपने चार बेटे को बताते है कि वे कभी नहीं उन्हें माफ़ कर सकते हैं। जो पैसे राज अपने उपन्यास से मिले, उनसे वे और पूजा घर लौट जाते हैं।

मंगलवार, जुलाई 12, 2005

मेरे पति का परिवार

मेरे पति के माता-पिता तलाक़-शुदा हैं और इकलिए वे अलग रहते हैं। मेरी सास मेरी ननद के साथ रहती हैं। अभी तक मैं अपनी सास से नहीं मिली, और कब उनसे मिलूँगी मुझे मालूम नहीं। मैं उनसे फ़ोन पर बात करती थी, और हमने ई-मैल से भी बात करती हैं। मेरी ननद से मैंने कभी नहीं बात की। वह सत्ताईस साल की हैं। उन के बारे में न लिखना अच्छा है क्योंकि अभी उन्हें बहुत दिक्कत है। जैसे मैं ई-मैल से अपनी सास से बात करती हूँ, वैसे मैं अपने ससुर से बात करती हूँ। मेरे ससुर ने दोबारी शादी की, और उनकी पत्नी से मैंने कभी नहीं बात की।

पहली मुझे थोड़ी आजीब लगती थी कि मेरे सास और ससुर तलाक़-शुदा हैं, और मेरे माता-पिता को यह बात बिल्कुल नहीं पसंद थी। मेरी माँ कह रही थी कि अगर मेरे पति का परिवार टुटा हुआ है, तो कैसे हम दोनों एक नया परिवार बना सकते हैं? और एक बात कहनी की उचित है—मेरे पति भी तलाक़-शुदा हैं! तो आप मन ले सकते है कि मेरी माँ के मन में क्या था। लेकिन मेरे पति का दिल बहुत अच्छा है, बहुत नरम है, और बिल्कुल मीठा है। जब मेरे माता-पिता मेरे पति से मिले, तब उनके दिल मेरे पति के लिए गले गये। ज़रूर यह हुआ—जैसे माँ-बाप के दिल हैं, वैसे बेटी का दिल भी है!

मेरी चिट्ठी, माँ के लिए

प्रिय माँ,

आप कैसे हैं? और पिताजी कैसे हैं? हमेशा आप के चेहरे मेरे मन में आते हैं। मैडिसन अच्छा शहर है, और मेरा फ़्लाट भी अच्छा है। मैठ्यू मेरे साथ हैं, और वह भी सोचते हैं कि यह जगह अच्ची है। मेरी हिन्दी क्लास अच्छी चल रही है। पिछले शुक्रवार को मेरी परीक्षा थी। सोमवार को हमारा दूसरा सेमेस्टर शुरू हो गया। तो अभी मैं बहुत पढ़ती हूँ। क्लास में मुझे बहुत मज़ा आता है। मेरे अध्यापक रोज़ मज़ाक करते हैं, और बहुत दिलचस्प बात कहते हैं भारतीय संस्क्रिती के बारे में। उनके पढ़ाई की विधि मुझे बहुत अच्छी लगती है।

ज़रूर आप सोच रही हैं कि मेरी तबियात कैसे है, और क्या मैं ठीक से खाना-वाना करती हूँ। आप के मन में शांती रखिए—मैं आपकी बेटी हूँ न? मैं सब ठीक तरह से कर रही हूँ, और याद रखिए कि मैठ्यू मेरे साथ हैं। हम दोनों हमेशा आप और पिताजी के बारे में सोचते हैं। मैं आपसे मिलने का समय कितने खुश से इंतेज़ार कर रही हूँ।

आपकी बेटी,
शार्लीन

गुरुवार, जून 30, 2005

मेरा परिवार—पिताजी की तरफ़

मेरी माँ का परिवार जितना बड़ा है, मेरे पिताजी का परिवार उतना बड़ा है। मेरे पिताजी का परिवार बंगलादेश में एक गाँव से हैं। इस गाँव का नाम बोग्रा है। मेरे दादा का नाम है अयेज़ ऊद्धिन मंदल, और मेरी दादी का नाम सलेहा बेगुम है। मेरे पिताजी कहते हैं कि मेरी दादी पूरी ज़िंदगी के लिए रसोईघर में थीं, और रात को सिर्फ़ सो गयी थीं। मैं अक्सर सोचती हूँ कि इस ज़िंदगी कैसी होती। जब मेरे नाना ज़िंदा हैं, तब वे डक्टार थे।

मेरे पिताजी के तीन भाई और तीन बहन हैं। मेरे सब से बड़े चाचा का नाम शहाज़ाहान है, लेकिन वे गुज़र गये थे। मेरे मध्य चाचा का नाम फ़िरोज़ है। वे अभी अमेरिका में रहते हैं, अपने पत्नी और बच्चों के साथ। उनकी पत्नी मेरी चाची हैं और उनकी नाम रीना है। मध्य चाचा और चाची के दो बच्चे हैं। मेरे चचेरा भाई का नाम फ़रज़ात है, और मेरी चचेरी बहन का नाम फ़रनाज़ है। मेरे छोटे चाचा का नाम गीनी है। उनकी पत्नी का नाम मोली है। उनके दो बच्चे हैं—मेरा चचेरा भाई, बीलोल, और मेरी चचेरी बहन, बीजेता।

मेरे पिताजी की सब से बड़ी बहन (मेरी बड़ी फूफी) का नाम मन्यूएरा है। उनके पति (मेरे बड़े फूफा) का नाम मोतीर रहमान तलुकदार है। उनके चार बेटे (मेरे फुफेरे भाई) हैं: मोकुल, बोकुल, शीमुल, और पोलाश। मेरे दो फुफेरी बहन भी हैं: लवली और जोली। मेरी मध्य फुफी का नाम अन्यूएरा है। उनके पति का नाम अब्दुल रहमान तलुकदार है। उनके दो बेटे (मेरे फूफेरे भाई) हैं, फ़ेर्दोस और राज। उनके चार बेटी भी हैं: रूबी, श्रीती, शील्पी, और रोज़ी। मेरी छोटी फूफी का नाम प्यारा है। उनके पति (मेरे फूफा) का नाम ओस्मान है, और उनके दो बेटे हैं, रीपोन और मिलोन। उनकी एक बेटी का नाम दोरीन है।

बुधवार, जून 29, 2005

मेरा परिवार—माँ की तरफ़

मेरे परिवार में मेरी माँ, पिताजी, और एक भाई हैं। मेरे भाई का नाम शनाहान है, और वे मुझसे बड़े हैं। मेरी बहन नहीं है। मेरी माँ की माँ, मेरी नानी, का नाम है ज़हानारा। मेरे नाना मेरे जन्म के पहले मार गये—यह आफ़सोस की बात है, क्योंकि मेरी माँ हमेशा मेरे नाना के बारे में बहुत मज़ेदार कहानी कहती हैं। मेरी नानी भी मार गयी, लेकिन मैं उनसे मिली। मेरी नानी ने ब्रिटिश स्कूल में पढ़ी; उनका परिवार कलकत्ता से हैं। उन्होंने कब धाखा आये मैं नहीं जानती। मेरी तीन मौसियाँ हैं—सब से बड़ी का नाम महरूनेसा है (दाक नाम औस्रू है)। दुसरी का नाम रविया है (दाक नाम मीनू), और तीसरी (मेरी छोटी मौसी) का नाम सवेरा है (दाक नाम रीनू)। मैं छोटी मौसी के साथ सब से गहरा हूँ; वे अभी बंगलादेश में आवामी लीग के लिए जेनेरल सेक्रेटेरी हैं। वे बहुत अच्छी फ़ेमिनिस्ट हैं।

मेरी माँ के तीन भाई हैं। सब से बड़े मेरे मोक्बुल मामा हैं, लेकिन वे १९७१ के यूद्ध में मार गये। वे फ़्रीदोम फ़ाईटेर थे। दुसरे मामा महबूब हैं। उन्होंने मेरी नानी के मन में बहुत दु:खी दीया। इसलिए हम उन से बहुत बात नहीं करते। मेरे सब से छोटे मामा मेरे बबुल मामा हैं। उनका मेरे लिए (और मेरे भाई के लिए) कितना अनुराग! जब वे मार गये, अब से ग्यारह साल पहले, तब मेरे दिल में कितना खराब लगा! अभी खराब लगता है। मेरी माँ अपने भाई और बहन में सब से बड़ी हैं।

मेरे मौसा-मौसी के बच्चे और मामा-मामी के बच्चों के बारे में हाल में खबर नहीं जानती, क्योंकि मैंने उन के साथ बहुत दीन तक नहीं मिले। बड़ी मौसी के चार बच्चे हैं: मेरे मौसेरे भाई के दाक नाम हैं मीठू, शेठू, और माही। मेरी मौसेरी बहन का दाक नाम खूखू हैं। मध्य मौसी के चार बच्चे हैं: मेरे मौसेरे भाई के दाक नाम टूटुल, मीटुल, और बीपुल हैं। मेरी मौसेरी बहन का दाक नाम आशा है। महबूब मामा के दो बच्चे हैं—मेरी ममेरा भाई का दाक नाम ऊपाल है, और मेरी ममेरी बहन का दाक नाम ऊरमी हैं। महबूब मामा की पत्नी, मेरी मामी, का नाम अस्मा है। बबुल मामा की सिर्फ़ एक बेटी है, और उसका नास अल्लहदी है। बबुल मामा की पत्नी (मेरी छोटो मामी) का नाम शम्मी है। मेरे तीन मौसा हैं--अब्दुल वहीद बड़े के नाम है, मीर सोमीर मध्य मौसा का नाम है, और सिराजुल इस्लाम छोटे मौसा का नाम है।